ललितपुर। बुधवार को निजीकरण के विरोध में हड़ताल रही। हालांकि, बैंकों पर इसका ज्यादा असर नहीं रहा। बीमा कंपनी के कर्मचारी और बिजली कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार किया। बैंक आफ बड़ौदा पूरी तरह से बंद रहा। बुधवार को बैंकों के एआईबीईए संगठन द्वारा हड़ताल की घोषणा की गई थी, लेकिन स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक समेत अन्य बैंकों में कामकाज सामान्य दिनों की भांति चलता रहा। बैंक ऑफ बड़ौदा में शटर के ताले डालकर पूरी तरह से कामकाज ठप रहा। कर्मचारी कार्पोरेट लोन वसूल करने की सख्त नीति, सैलरी सेटलमेंट, सप्ताह में पांच दिन वर्किंग किए जाने, कर्मचारी कानूनों का मनमाना संशोधन, एपीएस हटाने की मांग, बैंक मर्जर, बैंक में पर्याप्त रिक्रूटमेंट, वेज सेलटमेंट 2017 से पेंडिंग होने, बड़े उद्योगपतियों के बैंक लोन कर्जे माफ नहीं किए जाने, पुरानी पेंशन बहाली, वेतन वृद्घि 2017 से नहीं बढ़ाने, माह में चार शनिवार को बैंक बंद किए जाने यानि सप्ताह में पांच दिन वर्किंग किए जाने की मांगों को लेकर हड़ताल पर रहे।
बिजली कर्मचारियों ने भी निजीकरण के विरोध में कार्य बहिष्कार किया और सरकार की कर्मचारियों विरोधी नीतियों पर आक्रोश जताया। कर्मचारियों ने सभी कार्यालयों में कामकाज बंद कर निजीकरण के विरोध में नारेबाजी की। कर्मचारियों ने कार्यालय के बाहर एकत्रित होकर सरकार द्वारा निजीकरण की नीतियों का विरोध किया। इसके लिए कर्मचारियों ने कार्यालयों के बाहर बैनर लगाकर नारेबाजी की और दिन भर कामकाज ठप रखा। इसमें सभी विद्युत कर्मचारी शामिल रहे। आल इंडिया इंश्योरेंश इंपलाइ एसोसिएशन के सदस्य हडताल पर रहे। भारतीय जीवन बीमा निगम के कर्मचारियों ने निजीकरण एवं विलय की नीतियों के विरोध में हड़ताल कर कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। कानपुर डिवीजन इंश्योरेंस इंप्लाइज एसोसिऐशन के निर्देशन में भारतीय जीवन बीमा निगम की शाखा पर कर्मचारियों ने नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। पदाधिकारियों ने कहा कि सरकार की आर्थिक उदारीकरण की नीति देश को आर्थिक गुलामी की जंजीरों में जकड़ने का प्रयास कर रही है। अध्यक्षता नारायणदास ने की। इस मौके पर विवेक कुमार जैन, कुंदन लाल, अजय नामदेव, शिवांग मालवा, मनोज शुक्ला, बैजनाथ कुशवाहा, प्रभु दयाल, द्वारका प्रसाद, रामदयाल कुशवाहा आदि शामिल रहे। उधर, रेल कर्मचारी संगठनों ने हड़तालियों का समर्थन किया, लेकिन जिले में स्वयं हड़ताल पर नहीं रहे।
कामगार यूनियन द्वारा हड़ताल की घोषणा की गई थी, लेकिन अधिकांश बैंकों में कामकाज हुआ। शाखाएं खुली रहीं। बैंक ऑफ बड़ौदा बंद रहा।
- एसके श्रीवास्तव
लीड बैंक मैनेजर