अर्जुनखिरिया। किसानों ने साल भर जीतोड़ मेहनत करके और कर्ज लेकर जैसे - तैसे फसलें तैयार कर लीं, लेकिन गल्ला मंडी नहीं खुलने से किसान अपनी फसल कम रेट पर बेचने को मजबूर हैं। गल्ला मंडी नहीं खुलने से मध्य प्रदेश के कारोबारी कम दामों पर उपज खरीद रहे हैं।
कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन से किसानों को कटाई के लिए समय से मजदूर नहीं मिलें। हार्वेस्टर इक्का - दुक्का आए तो उन्होंने किसानों की फसल को 1700 रुपये से लेकर 2000 रुपये प्रति एकड़ तक कटाई की। अनाज तो तैयार होकर किसान घर ले आया, अब समस्या यह आ रही है कि किसानों के पास जो जमा पूंजी थी, वह फसलों को तैयार करने में खत्म हो गई। लॉकडाउन के कारण ग्रामीण क्षेत्रों के दुकानदार रोजमर्रा का सामान दोगुने दामों पर बेच रहे हैं।
किसानों की मजबूरी का फायदा कुछ मध्य प्रदेश के व्यापारी उठा रहे हैं। वह स्थानीय छोटे व्यापारियों से मिलकर ग्राम धौलपुरा, गदौरा, भोंटा, सिमिरिया, देनपुरा, मुड़िया, गुढ़ा, पड़रिया, ककरुआ, अर्जुन खिरिया, बनयाना, बछरई आदि गांवों में कम दामों पर किसानों से अनाज खरीद रहे हैं। जनहित में गल्ला मंडी खुलवाने की मांग किसानों ने की है।
किसानों ने कर्ज लेकर किसी तरह फसल तो तैयार कर ली, लेकिन गल्ला मंडी नहीं खुलने से किसान एक- एक पैसे को परेशान है। मजबूरी में कम रेट में अनाज बेचना पड़ रहा है।
- ओमप्रकाश तिवारी
लॉकडाउन की वजह से गल्ला मंडी बंद है। किसानों के पास पैसा भी नहीं बचा है। घर का खर्च चलाना मुश्किल हो रहा है।
- सुखनंदन पटेल